पैनिक अटैक और हार्ट अटैक: जानिए दोनों में क्या है अंतर और बचाव कैसे करें?

सेहतराग टीम

आज के समय में लोग अपना जीवन काफी तनाव में जी रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानी होने लगती हैं। उनमें से एक है हार्ट अटैक जो तनाव और चिंता की वजह से होता है। वहीं कई लोगो को पैनिक अटैक भी होता है। ऐसे में दोनों में कौन सा किसको हुआ है ये जानना काफी चुनौतीपुर्ण होता है। क्योंकि लगभग दोनों के लक्षण एक समान होते हैं। तो आइए जानते हैं कि हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा और पैनिक अटैक के बीच क्या अंतर है। इसके अलावा कारण, लक्षण और उपचार भी जानने की कोशिश करते हैं।

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दिल का दौरा या हार्ट अटैक क्या है?

दिल का दौरा तब होता है जब हृदय तक ब्‍लड और ऑक्सीजन पहुंचाने वाली कोरोनरी धमनी अवरुद्ध या बाधित हो जाती है। यह हृदय की मांसपेशियों को रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को रोकता है। कुछ दिल के दौरे तुरंत होते हैं और घातक हो सकते हैं, जबकि अन्य छोटी समस्‍याएं हैं जो जीवनशैली और आहार में परिवर्तन करने के संकेत के रूप में होते हैं। हार्ट अटैक आने पर कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे- सीने में बेचैनी, छाती में भारीपन, खट्टी डकार, सांस फूलना, मतली या ठंडा पसीना आना, चक्कर आना, ऊपरी शरीर में दर्द, विशेष रूप से एक या दोनों बाहों में, गर्दन, पीठ, जबड़े या पेट में दर्द हो सकता है। 

हालांकि, छाती या बांह में दर्द दिल के दौरे का एक सामान्य संकेत है, जोकि अक्‍सर पता नहीं चल पाते हैं। महिलाओं को सीने में दर्द का अनुभव होने की अधिक संभावना नहीं होती। यह थकान या शरीर के ऊपरी हिस्‍से की परेशानी जैसे अन्य लक्षण दिखा सकते हैं। 

डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्रॉल, तनाव और उच्च रक्तचाप  की समस्या से पीड़ित लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, धूम्रपान, खराब आदतें और शारीरिक गतिविधियों की कमी भी जोखिम को बढ़ाती है।

पैनिक अटैक क्या होता है?

अत्यधिक तनाव, चिंता और डर, जो कुछ ही मिनटों के भीतर अपने चरम पर पहुंच जाते हैं, पैनिक अटैक के कारण हो सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी तनावपूर्ण घटना के कारण पैनिक अटैक  आ सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में, पैनिक अटैक के कोई स्पष्ट संकेत नहीं देखे जाते हैं। पैनिक अटैक के सबसे आम लक्षण हैं:

  • छाती में दर्द
  • तेज हार्ट बीट
  • पसीना आना
  • मरने का डर
  • सिर चकराना
  • जी मिचलाना
  • ठंड लगना
  • शरीर में झनझनाहट

पैनिक अटैक को ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज, हल्के व्यायाम और ध्यान द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। पैनिक अटैक से पीड़ित लोगों के लिए निर्धारित अवसादरोधी और अन्य दवाएं तीव्रता को कम कर सकती हैं।

हार्ट अटैक और पैनिक अटैक में अंतर

हालांकि, दोनों स्थितियों के लक्षण समान हैं, मगर दोनों के परिणाम एक-दूसरे से पूरी तरह से अलग हैं। पैनिक अटैक में व्यक्ति को थोड़ी घुटन महसूस हो सकती है, लेकिन दिल का दौरा जीवन के लिए एक गंभीर खतरा है। दिल का दौरा और पैनिक अटैक के सामान्य लक्षण हैं।

सीने में दर्द

सीने में दर्द अक्सर दोनों स्थितियों में भिन्न होती हैं। पैनिक अटैक में व्यक्ति को तेज दर्द महसूस होता है, सीने में दर्द होता है, जबकि दिल के दौरे में दर्द प्रेशर या सनसनी के समान हो सकता है। हार्ट अटैक में सीने में दर्द बीच में से शुरू होकर बांह, जबड़े या कंधे के ब्लेड तक फैल जाता है।

किसी भी लक्षण का दिखाई न देना

दोनों स्थितियां बिना किसी संकेत के अचानक विकसित होती हैं। कभी-कभी, शारीरिक परिश्रम के कारण दिल का दौरा पड़ सकता है। पैनिक अटैक 10-15 मिनट तक रहता है और समय के साथ ठीक हो जाता है। वहीं, दूसरी ओर दिल का दौरा पड़ने के लक्षण समय के साथ तीव्र होते जाते हैं।

मतली

मतली और उल्टी दिल का दौरा पड़ने के अन्य लक्षण हो सकते हैं। रोगियों को खांसी या घरघराहट, और अत्यधिक पसीने का अनुभव हो सकता है।

डॉक्‍टर के पास कब जाएं

यदि आप अपनी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर शंका में हैं, तो किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए तत्काल चिकित्सक से मिलना चाहिए। यदि आप अचानक सीने में दर्द का अनुभव कर रहे हैं जोकि 2 से 3 मिनट से ज्‍यादा समय तक है और दर्द बाकी अंगों तक फैल रहा है तो आपको तुरंत अस्‍पताल जाना चाहिए। हार्ट अटैक के मामले में किसी भी तरह की देरी जानलेवा हो सकती है। यदि आप पैनिक अटैक के दौर से बार-बार गुजरते हैं, तो सही उपचार लें, लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आपको कुछ दवा दी जा सकती है।

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